विषय: एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल कक्षा: 12 वीं विषय कोड: रसायन विज्ञान, अध्याय 12 भाषा: हिन्दी में
चैप्टर 12: एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल
नमस्कार छात्रों,
"एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल" एक रोमांचक और महत्वपूर्ण विषय है जिसमें हम आयनिक और गैर-आयनिक यौगिकों की महत्वपूर्ण विशेषताओं को अध्ययन करेंगे। इस अध्याय में हम कार्बनिक यौगिको में संरचना, उनके नामकरण, गुणवत्ता, और उनकी विभिन्न प्रकारी प्रतिक्रियाओं के साथ अध्द्यन करेंगे।
इस चैप्टर के मुख्य विषय:
- एल्डिहाइड्स और कीटोन्स: संरचना, नामकरण, और गुणवत्ता
- कार्बोक्सिलिक अम्ल: संरचना, नामकरण, गुणवत्ता, और उपयोग
- नामकरण में सामान्य त्रुटियाँ और संशोधन
- कार्बोक्सिलिक अम्लों की प्रतिक्रियाएँ: अम्लों की तैयारी और उपयोग
अध्याय की महत्वपूर्ण बिंदुएँ:
- आयरनिक यौगिकों की संरचना और नामकरण की विशेषताएँ
- एल्डिहाइड्स और कीटोन्स की विशेषता और उनकी उपयोगिता
- कार्बोक्सिलिक अम्लों के उपयोग और उनकी प्रक्रियाएँ
आइए, हम साथ में इस रोमांचक रसायन विज्ञान के अध्याय में गहराई से खोजते हैं और इन महत्वपूर्ण विषयों को समझने का प्रयास करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस पठनीय यात्रा में आप हमारे साथ जुड़ेंगे और इस विषय को समझने में सफलता प्राप्त करेंगे।
अगर आपके कोई प्रश्न हैं या संदेश हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपकी सहायता के लिए यहाँ हैं।
धन्यवाद!
वे कार्बनिक यौगिक जिनमे कार्बोनिल समूह (=C=O) होता हैं । कार्बोनिल यौगिक कहलाते हैं । जैसे एल्डिहाइड , कीटोन
Aldehydes & Ketones ( एल्डिहाइड , कीटोन )
एल्डिहाइड , कीटोन बनाने की विधियाँ
1. ऑक्सीकरण विधि
जब प्राथमिक ऐल्कॉहोल का ऑक्सीकरण अम्लीय पौटेशियम डाई क्रोमेट ( K2Cr2O7 + H2SO4 ) से कराते हैं । तो एल्डिहाइड प्राप्त होते हैं ।
जब द्वितीय ऐल्कॉहोल का ऑक्सीकरण अम्लीय पौटेशियम डाई क्रोमेट ( K2Cr2O7 + H2SO4 ) से कराते हैं । तो कीटोन प्राप्त होते हैं ।
2. ऐल्कॉहोल के विहाइड्रोजनीकरण से अथवा रक्त तप्त ताबे से
जब प्राथमिक ऐल्कॉहोल कि वाष्पों को रक्त तप्त कॉपर के ऊपर 300°C ताप पर प्रवाहित करते हैं, तो एल्डिहाइड प्राप्त होते हैं ।
जब द्वितीय ऐल्कॉहोल कि वाष्पों को रक्त तप्त कॉपर के ऊपर 300°C ताप पर प्रवाहित करते हैं, तो कीटोन प्राप्त होते हैं ।
3. वसा अम्लो के कैल्शियम लवणो के शुष्क आश्वन से
जब कैल्शियम फॉर्मेट का शुष्क आस्वन करते हैं तो फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होता हैं ।
जब कैल्शियम फॉर्मेट तथा कैल्शियम ऐसीटेट का शुष्क आस्वन करते हैं तो ऐसीटेल्डिहाइड प्राप्त होता हैं ।
जब कैल्शियम ऐसीटेट का शुष्क आस्वन करते हैं तो एसीटोन प्राप्त होता हैं ।
4. रोजेनमुण्ड अभिक्रिया
जब ऐसीटिल क्लोराइड का अपचयन पैलेडियम ( Pd ) उत्प्रेरक और वेरीयम सल्फेट ( BaSO4 ) कि उपस्थिति मे उबलती हुई जाईलीन में कराते हैं तो ऐसीटेल्डिहाइड प्राप्त होता हैं। रोजेनमुण्ड अभिक्रिया कहलाती हैं ।
5. वसा अम्लों से
जब फॉर्मिक एसिड की वाष्पों को रक्त तप्त मेग्निज ऑक्साइड के उपर 300°C पर प्रवाहित करते हैं , तो फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होता हैं ।
जब फॉर्मिक एसिड व एसीटिक एसिड की वाष्पों को रक्त तप्त मेग्निज ऑक्साइड के उपर 300°C पर प्रवाहित करते हैं , तो एसीटेल्डिहाइड प्राप्त होता हैं ।
जब एसीटिक एसिड की वाष्पों को रक्त तप्त मेग्निज ऑक्साइड के उपर 300°C पर प्रवाहित करते हैं , तो एसीटोन प्राप्त होता हैं ।
रसायनिक गुण ( Chemical Properties )
A. वे अभिक्रियाऐं जो एल्डिहाइड व कीटोन दोनो में होती हैं।
a. वे क्रियाऐं जो R-gp के कारण होती हैं
1. क्लोरीनीकरण*
b. वे क्रियाऐं जो >C=O gp के कारण होती हैं ।
I. योगात्मक क्रियाऐं
1. H2 का योग
2. HCN का योग
3. NaHSO3 से क्रिया ( योग )
4. NH3 से अभिक्रिया
5. ग्रिगनार्ड अभिकर्मक से क्रिया
II. वे क्रियाऐं जिनमें >C=O gp का Oxygen परमाणु विस्थापित होता हैं
1. क्लीमेन्सन अपचायक अभिक्रिया
2. NH2-OH
3. NH2-NH2
4. C6H5-NHNH2
5. NH2-CO-NHNH2
6. PCl5
III. ऑक्सीकरण क्रियाऐं
1.दुर्बल ऑक्सिकारक
2. प्रबल ऑक्सिकारक
IV. संघनन क्रियाऐं
1.एल्डोल संघनन
2. तनु HCl
3. सान्द्र H2SO4
B. वे अभिक्रियाऐं जो केवल एल्डिहाइड में होती हैं।
1. बहुलीकरण
2. एल्कॉहोल
3. केनिजारो अभिक्रिया
4. टिशेन्को अभिक्रिया
5. अपचायक गुण
i. टॉलीन
ii. फेहलिंग विलयन
6. शिफ अभिकर्मक से
C. वे अभिक्रियाऐं जो केवल कीटोन में होती हैं।
1. CHCl3
2. पिनाकॉल का बनाना
3. NONH2
4. HNO2
फॉर्मेल्डिहाइड ( Formaldehyde )
अणु सूत्र :- H-CHO
IUPAC Name :- methnal ( मेथेनल )
* प्रयोगशाला विधि
जब मिथाइल एल्कॉहोल की वाष्पों को वायु के साथ मिलाकर प्लैटिनम युक्त ऐस्वेस्टस के ऊपर 300°C पर प्रवाहित करते हैं , फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होता हैं।
- इसके 40% जलीय विलयन को फॉर्मेलीन कहते हैं।
- इस प्रकार प्राप्त H-CHO मे मिथाइल एल्कॉहोल और जल कि अशुध्दि पायी जाती हैॆ।
भौतिक गुण ( Physical Properties )
- यह रंगहीन तीक्ष्ण गंधवाला द्रव हैं।
- यह जल मे अत्यन्त विलय हैं।
- इसके 40% जलीय विलयन को फॉर्मेलीन कहते हैं।
रसायनिक गुण ( Chemical Properties )
- केनिजारो अभिक्रिया
2HCHO + NaOH ⟶ H-COONa + CH3_OH
- अमोनिया से
6CH2O + 4NH3 ⟶ (CH2)6N4 + 6H2O
- फीनॉल से क्रिया
बैकेलाइट प्लास्टिक प्राप्त होता हैं।
उपयोग ( Uses )
- केनिजारो अभिक्रिया में
- बैकेलाइट प्लास्टिक बनाने मे
- एन्टीसैफ्टिक के रूप में
- यूरोट्रोपीन औषद्यी के बनाने में
- प्रयोग शाला मे अभिकर्मक के रूप में
एसिटेल्डिहाइड (Acetaldehyde )
अणु सूत्र :- CH3-CHO
IUPAC Name :- Ethanal ( ऐथेनल )
* प्रयोगशाला विधि
जब ऐथाइल एल्कॉहोल का ऑक्सीकरण पोटेशियम डाई क्रोमेट के साथ कराते हैं , एसिटेल्डिहाइडप्राप्त होता हैं।
Carboxylic acid ( कार्बोक्सिलिक अम्ल )
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