अमीटर एक बहुत कम प्रतिरोध वाला यन्त्र है जो उच्च धारा को माप सकता है| जबकि धारामापी एक कम प्रतिरोध का यन्त्र है जो (m. A.) माइक्रो एम्पियर की सूक्ष्म धारा को भी पढ़ सकता है | इस galvanometer m. A. की तरह कार्य करता है।
अतः धारामापी को अमीटर में रूपान्तरित करने के लिए इसके समांतर क्रम में एक प्रतिरोध तार लगा देते है | जिसे शन्ट कहते है | इस प्रकार galvanometer के मापने की पारस बढ़ जाती है | और यह अमीटर की तरह कार्य करने लगता है |
माना परिपथ में i धारा प्रवाहित हो रही हैं| galvanometer का प्रतिरोध G तथा शन्ट का प्रतिरोध S है | इसमे i𝚐 और i-i𝚐 धारा प्रवाहित हो रही है|
∵ जब S समांतर क्रम में है |
i𝚐 ⅹ G = (i-i𝚐) ⅹ S
i-i𝚐 = i𝚐 ⅹ G/ S