प्रकाश का परावर्तन तथा गोलीय दर्पण कक्षा 10-12 (reflection of light class 10th-12th)

प्रकाश का परावर्तन

जब कोई प्रकाश की किरण किसी एक ही माध्यम में किसी चिकने में व पॉलिश   दार तल पर टकराती है तो किरण टकराने के पश्चात वापस अपने माध्यम में लौट   जाती है प्रकाश की किरण के  तल से टकराकर वापस अपने माध्यम में लौट जाने की घटना प्रकाश का परावर्तन कहलाती है।


प्रकाश के परावर्तन के नियम = दो नियम होते हैं

1. अपतित किरण, परावर्तित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं  

2.आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है।

ㄥi = ㄥr

प्रतिबिंब

जब किसी दर्पण के सामने किसी वस्तु को रखा जाता है तो दर्पण में वस्तु की आकृति बन जाती है इस आकृति को प्रतिबिंब कहतेे हैं तथा वस्तु को बिंब कहतेे हैं ।


गोलिय दर्पण

गोलाकार कांच को काटकर बनाएंगे वे भाग जिनके एक तल पर कलई अथवा पॉलिश कर के दूसरे तल को परावर्तक बना दिया जाता है गोलीय दर्पण कहलाते हैं।


गोलीय दर्पण के प्रकार = दो प्रकार के होते है ।

1. अवतल दर्पण 2. उत्तल दर्पण
वे दर्पण जिनके उभरे हुए तल पर कलई या पॉलिश (लाल ऑक्साइड) होती है तथा दबे हुए तल से परावर्तन होता है अवतल दर्पण कहलाते हैं
वे दर्पण जिनके दबे हुए तल पर कलई या पॉलिश (लाल ऑक्साइड) होती है तथा उभरे हुए तल से परावर्तन होता है उत्तल दर्पण कहलाते हैं।






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