1. द्रौपदी और श्रीकृष्ण
महाभारत के अनुसार, एक बार जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। श्रीकृष्ण ने इसे रक्षा सूत्र मानकर द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया। बाद में, जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ, तब श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की।
2. रानी कर्णावती और हुमायूँ
मध्यकाल में, चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर अपनी और अपने राज्य की रक्षा की गुहार लगाई। हुमायूँ ने इस राखी का सम्मान करते हुए कर्णावती और चित्तौड़ की रक्षा की।
3. संतोषी माता की कहानी
एक बार दो भाई थे, जिनकी एक बहन भी थी। रक्षा बंधन पर दोनों भाई अपनी बहन को उपहार देते थे, लेकिन एक बार उन्होंने संतोषी माता से प्रार्थना की और उन्हें जो उपहार मिला, उससे वे संतुष्ट हो गए। इस प्रकार संतोषी माता की कृपा से उनका रिश्ता और भी मजबूत हो गया।
4. राजा बली और भगवान विष्णु
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा बली ने भगवान विष्णु से वचन लिया था कि वे सदैव उनके साथ रहेंगे। माता लक्ष्मी ने बली को राखी बांधी और बदले में भगवान विष्णु को वापस अपने स्थान पर ले जाने का आग्रह किया। बली ने वचन पूरा किया और उन्हें छोड़ दिया।
5. यम और यमी की कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज (मृत्यु के देवता) की बहन यमी ने उन्हें राखी बांधी थी और उनकी लंबी उम्र की कामना की थी। इससे प्रभावित होकर यमराज ने वचन दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से राखी बंधवाएगा, उसकी उम्र लंबी होगी।
6. शची और इंद्रदेव
एक बार दैत्यों ने इंद्रलोक पर आक्रमण किया और इंद्रदेव को पराजित कर दिया। इंद्रदेव की पत्नी शची ने उन्हें एक रक्षा सूत्र बांधा और इंद्रदेव ने इस रक्षा सूत्र की शक्ति से दैत्यों को हराकर इंद्रलोक को वापस पा लिया।
7. अलेक्जेंडर और पुरु
सिकंदर (अलेक्जेंडर) की पत्नी ने राजा पुरु को राखी बांधकर उनसे अपने पति की जान बख्शने की गुहार लगाई। पुरु ने राखी का सम्मान करते हुए युद्ध में अलेक्जेंडर को मारने से रोक दिया।
8. रक्षाबंधन और चित्तौड़ की रानी
एक और प्रसिद्ध कथा में, चित्तौड़ की रानी ने अपने राज्य की रक्षा के लिए पड़ोसी राज्य के राजा को राखी भेजी थी। राजा ने उस राखी का सम्मान किया और चित्तौड़ की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजी।
9. रक्षा बंधन और मंगलसूत्र
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक भाई-बहन रहते थे। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे। बहन हर साल रक्षा बंधन पर अपने भाई को राखी बांधती और उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती। बदले में, भाई हमेशा अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता था और उसे उपहार भी देता था।
एक साल रक्षा बंधन के समय, बहन ने सोचा कि वह इस बार अपने भाई को कुछ विशेष देगी जो सिर्फ राखी नहीं होगी, बल्कि उसके लिए जीवनभर का सुरक्षा कवच बनेगी। उसने अपनी माँ से बात की और उनसे सुझाव मांगा। उसकी माँ ने उसे सुझाव दिया कि वह अपने भाई को मंगलसूत्र बांधे।
मंगलसूत्र को विवाहिता स्त्रियों के लिए पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। बहन ने सोचा कि अगर वह अपने भाई को मंगलसूत्र बांधेगी, तो यह राखी उसके भाई के लिए जीवनभर की सुरक्षा और खुशहाली का प्रतीक बनेगा।
रक्षा बंधन के दिन, बहन ने अपने भाई को मंगलसूत्र बांधते हुए कहा, "भैया, यह मंगलसूत्र तुम्हारे लिए है। मैं चाहती हूँ कि तुम हमेशा सुखी और सुरक्षित रहो। जैसे मंगलसूत्र पति की रक्षा करता है, वैसे ही यह तुम्हारी रक्षा करेगा।"
भाई ने इस अनोखी राखी को बड़े ही सम्मान और प्रेम से स्वीकार किया और वचन दिया कि वह अपनी बहन की हमेशा रक्षा करेगा। इस प्रकार, राखी के रूप में बांधा गया मंगलसूत्र भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और उनकी आपसी सुरक्षा और प्रेम का प्रतीक बन गया।
10. राखी और अन्नपूर्णा देवी
एक बार माता अन्नपूर्णा ने अपने भाई महादेव को राखी बांधी और उनसे वचन लिया कि वे सृष्टि की रक्षा करेंगे। महादेव ने यह वचन पूरा किया और सृष्टि की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।
ये कहानियाँ रक्षा बंधन के महत्व और भाई-बहन के रिश्ते की गहराई को दर्शाती हैं।