लेन्स : ऐसा समांग पारदर्शी माध्यम ( जैसे काँच ) जो दो वक्र पृष्ठों अथवा एक गोलीय पृष्ठों तथा एक समतल पृष्ठ से घिरा हो , लेंस कहलाता है।
लेन्स के प्रकार : लेन्स दो प्रकार के होते है।
1. उत्तल लेंस 2. अवतल लेंस
1. उत्तल लेंस : ऐसा लेंस जो किनारो पर पतला और बीच में मोटा होता है। उत्तल लेंस कहलाता है।
2. अवतल लेंस : ऐसा लेंस जो किनारो पर मोटा और बीच में पतला होता है। अवतल लेंस कहलाता है।
लेंसों से सम्बंधित परिभाषाएं
मुख्य अक्ष : लेंस के दोनो गोलीय पृष्ठों के वक्रता केंद्र को मिलने वाली सीधी रेखा को लेंस की मुख्य अक्ष कहते है।
प्रकाशिक केंद्र : लेंस के अंदर मुख्य पर स्थित वह बिंदु जिससे होकर जाने जाने वाली प्रकाश किरण अपवर्तन के पश्चयात आपतित किरण के समांतर निकल जाती है। लेंस का प्रकाशित केंद कहलाती है।
लेंस में दो फोकस दूरी और दो फोकस बिंदु होते है।
प्रथम फोकस : मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिंदु जिस पर जिस से चलने वाली या जिस की ओर चलने वाली प्रकाश किरण अपवर्तन के पश्चयात मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है। लेंस की प्रथम फोकस कहलाती है। इसे F1 से प्रदर्शित करते है।
प्रथम फोकस दूरी : प्रथम फोकस बिंदु से प्रकाशित केंद्र तक की दूरी को प्रथम फोकस दूरी कहते है। इसे f1 से प्रदर्शित करते है।
द्वितीय फोकस : मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली प्रकाश किरण अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर मिलती है या मुख्य अक्ष के जिस बिंदु से आती हुईं प्रतीत होती है। उस बिंदु को द्वितीय फोकस कहते है। इसे F2 से प्रदर्शित करते है।
प्रथम फोकस दूरी : द्वितीय फोकस बिंदु से प्रकाशित केंद्र तक की दूरी को द्वितीय फोकस दूरी कहते है। इसे f2 से प्रदर्शित करते है।