ट्रांसफार्मर :-
ऐसा उपकरण जो AC वोल्टेज के मान में परिवर्तन करने के काम आता है transformer कहलाता है । ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते हैं । (1) उच्चायी ट्रांसफार्मर (2) अपचायी ट्रांसफार्मर
प्रश्न 1. ट्रांसफार्मर DC वोल्टेज में कार्य नहीं करता, AC वोल्टेज में कार्य करता है क्यों ?
उ. DC वोल्टेज में परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं होता है इसलिए ट्रांसफार्मर DC वोल्टेज में कार्य नहीं करता है।
प्रश्न 2. ट्रांसफार्मर की क्रोड गर्म क्यों हो जाती है ?
उ. ट्रांसफार्मर की क्रोड में परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है जिस कारण क्रोड में भंवर धाराएं उत्पन्न हो जाती हैं इन भवर धाराओं के कारण क्रोड गर्म हो जाती है ।
प्रश्न 3. ट्रांसफार्मर की क्रोड पतलीत क्यों बनाई जाती है ?
उ. पटलीत क्रोड लोहे की नर्म पत्तियों को एक के ऊपर एक रखकर बनाई जाती है, ऐसा करने पर पत्तियों के बीच वायु आ जाती है जिसका प्रतिरोध अनंत होता है, इस प्रकार कुल प्रतिरोध बढ़ जाता है ।
प्रश्न 4. ट्रांसफार्मर की क्रोड नरम लोहे की क्यों बनाई जाती है ?
उ. नरम लोहे की चुंबक शीलता अधिक होती है चुंबकशिलता अधिक होने के कारण प्राथमिक कुंडली की सभी चुंबकीय बल रेखाएं द्वितीयक कुंडली में पहुंच जाती हैं । जिससे द्वितीयक कुंडली के सिरों के बीच वोल्टेज उत्पन्न हो जाता है।
प्रश्न 5. ट्रांसफार्मर में तेल क्यों डाला जाता है ?
उ. जब ट्रांसफार्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडली में धारा प्रवाहित होती है। तू कुछ ऊर्जा तारों के फेरों में ऊष्मा के रूप में क्षय हो जाती है । इस ऊष्मा को अवशोषित करने के लिए कुंडली के चारों ओर तेल प्रवाहित किया जाता है।