IUPAC नाम ट्राई क्लोरोमिथेन
जब एथाइल एल्कोहल की विरंजक चूर्ण के साथ क्रिया करते हैं तो क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है यह अभिक्रिया निम्न पदों में पूर्ण होती है ie
CaOCl2 + HOH ➖➡️ Ca(OH)2 + Cl2
CH3-CH2-OH +Cl2 ➖➡️ CH3-CHO +2HCl
CH3-CHO + 3Cl2 ➖➡️ CCl3-CHO + 3HCl
2CCl3-CHO + Ca(OH)2 ➖➡️ 2CHCl3 + Ca(HCOO)2
शुद्धीकरण
उपरोक्तविधि से प्राप्त क्लोरोफॉर्म (CHCl3) अशुद्ध होता है इसमें मुख्य रूप से अम्लीय तथा एल्कोहलीय अशुद्धियां पाई जाती है इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए अशुद्ध क्लोरोफॉर्म की क्रिया कास्टिक (NaOH) सोडा से कराते हैं जिससे इसकी अम्लीय अशुद्धियां दूर हो जाती हैं अब इसे जल से धोने पर इसकी अल्कोहलीय अशुद्धियां दूर हो जाती हैं। तथा इसे अब निर्जल कैलशयम क्लोराइड (CaCl2) पर सुखा कर 61°C ताप पर प्राप्त होने वाला आसुस शुद्ध क्लोरोफॉर्म होता है ।
क्लोरोफॉर्म बनाने की अन्य विधियां
भौतिक गुण (physical properties)
- यह रंगीन भारी द्रव होता है ।
- जल में अविलय किंतु अल्कोहल तथा ईथर में विलय है ।
- इसका क्वथनांक 61°C होता है ।
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